वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, जिसे बैद्यनाथ, वैजनाथ या बैजनाथ भी कहा जाता है, भगवान शिव के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर देवघर, झारखंड, भारत में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और देवी पार्वती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक भी है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति विभिन्न किंवदंतियों से जुड़ी हुई है। शिव पुराण के कोटि रुद्र संहिता के अनुसार, रावण, लंका का राक्षस राजा, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या कर रहा था। उसकी भक्ति से प्रभावित होकर, शिव ने उसे वरदान दिया। रावण ने शिव की मूर्ति को लंका ले जाने की इच्छा व्यक्त की। हालांकि, शिव ने यह शर्त रखी कि मूर्ति को लंका पहुंचने से पहले भूमि पर नहीं रखा जाना चाहिए। यात्रा के दौरान, रावण के ध्यान भंग होने पर, मूर्ति देवघर में भूमि पर रख दी गई और वह वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग बन गई।
देवघर में स्थित वैद्यनाथ मंदिर परिसर में बाबा बैद्यनाथ का मुख्य मंदिर और 21 अन्य मंदिर शामिल हैं। मुख्य मंदिर में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है, और यह स्थल देवी पार्वती को समर्पित शक्तिपीठ भी है।
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पटना हवाई अड्डा है, जो देवघर से लगभग 270 किमी दूर है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन देवघर जंक्शन है, जो प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: देवघर पटना, रांची और कोलकाता जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
मंदिर प्रतिदिन सुबह 4:30 बजे से रात 11:00 बजे तक खुला रहता है। विशेष अनुष्ठान और त्योहार, जैसे श्रावण मेला (जुलाई-अगस्त), हजारों भक्तों को आकर्षित करते हैं।