दीपक जलाना और धूप/अगरबत्ती चढ़ाना हिंदू धर्म की सबसे प्राचीन और पवित्र परंपराओं में से एक है। यह केवल एक पूजा-विधि नहीं बल्कि आध्यात्मिक, मानसिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
अंधकार पर प्रकाश की जीत: दीपक का प्रकाश ज्ञान की अज्ञान पर विजय को दर्शाता है।
आत्मा का प्रतीक: बाती आत्मा का प्रतीक है, तेल इच्छाओं का और ज्योति ज्ञान का।
शुद्धता: दीपक की लौ वातावरण और मन को पवित्र करती है।
घर और पूजा स्थल में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है।
समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक।
शुद्धिकरण: धुआँ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
मन की शांति: खुशबू मन को शांति देती है।
प्रार्थना का प्रतीक: उठता हुआ धुआँ ईश्वर तक प्रार्थना पहुँचाने का माध्यम माना जाता है।
दीपक दीवाली, नवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा, आरती आदि में आवश्यक है।
धूप/अगरबत्ती मंदिर पूजा, घर की पूजा और ध्यान में हमेशा उपयोग होती है।