“ॐ नमः शिवाय” हिंदू धर्म का एक शक्तिशाली और प्राचीन मंत्र है। इसे पंचाक्षरी मंत्र कहा जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। प्रतिदिन इस मंत्र का जप करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य संरक्षण प्राप्त होता है।
यह मंत्र साधक को भगवान शिव की दिव्य शक्ति से जोड़ता है और आत्मज्ञान की प्राप्ति कराता है।
नियमित जप करने से चिंता कम होती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और मन शांत होता है।
भोलेनाथ अपने भक्तों को क्षमा कर देते हैं। इस मंत्र से पिछले पाप और बुरे कर्म धीरे-धीरे समाप्त होते हैं।
इस मंत्र की ध्वनि ऊर्जा शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करती है।
यह मंत्र साधक को बुरी शक्तियों और भय से बचाता है।
नियमित जप से जीवन में सकारात्मकता, सुख-शांति और परिवार में खुशियाँ आती हैं।
श्रेष्ठ समय: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त या सायं काल।
संख्या: 108 बार जप (रुद्राक्ष माला के साथ)।
स्थान: शांत वातावरण, शिवलिंग या दीपक के सामने बैठकर।
प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” का जप जीवन को सुख, शांति और ईश्वर की कृपा से भर देता है। कुछ ही मिनटों का जप आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकता है।