परिचय:
बहुला शक्तिपीठ बंगाल में स्थित एक पवित्र मंदिर है, जो माता बहुला को समर्पित है। माना जाता है कि माता सती का हाथ यहीं गिरा था। यह मंदिर भक्तों के लिए दैवीय शक्ति, सुरक्षा, आध्यात्मिक आशीर्वाद और समृद्धि प्राप्त करने का प्रमुख स्थल है। माता बहुला को साहस, पोषण और मातृ प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
इतिहास और पौराणिक कथा:
हिंदू पुराणों के अनुसार, सती माता के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने उनका शव उठाकर तांडव किया। ब्रह्मांड में संतुलन स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनका शरीर काटा। सती का हाथ बंगाल में गिरा, जिससे बहुला शक्तिपीठ स्थापित हुआ। भक्तों का विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से साहस, सुरक्षा, आध्यात्मिक ऊर्जा और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
मंदिर वास्तुकला:
बहुला मंदिर में परंपरागत बंगाली मंदिर वास्तुकला देखने को मिलती है। गर्भगृह में माता बहुला की मूर्ति है, जो आभूषणों से सजी और दिव्य शक्ति से प्रकाशित है। मंदिर परिसर में छोटे मंदिर, पवित्र तालाब और पूजा व ध्यान की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
महत्व:
बहुला शक्तिपीठ बंगाल में शक्ति पूजा का प्रमुख केंद्र है।
भक्त यहाँ शक्ति, साहस, आध्यात्मिक ऊर्जा, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त करने के लिए आते हैं।
प्रमुख त्योहारों में नवरात्रि और बहुला जयंती शामिल हैं।
पूजा और अनुष्ठान:
अर्पण में शामिल हैं: लाल फूल, फल, मिठाई और नारियल।
पुजारी प्रतिदिन आरती, अभिषेक और विशेष पूजा करते हैं।
भक्त बहुला मंत्रों का जाप और ध्यान करते हैं।
यात्रा सुझाव:
यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च, विशेषकर नवरात्रि के दौरान।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: बंगाल में स्थानीय रेलवे स्टेशन।
आसपास के दर्शनीय स्थल: बंगाल के अन्य शक्तिपीठ और ऐतिहासिक स्थल।