परिचय:
रेणुका शक्तिपीठ महाराष्ट्र के महुर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो माता रेणुका को समर्पित है। माना जाता है कि माता सती का चेहरा यहीं गिरा था। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। भक्त यहाँ सुरक्षा, आध्यात्मिक शक्ति, समृद्धि और कल्याण के लिए आते हैं। माता रेणुका को एक शक्तिशाली और दयालु देवी के रूप में पूजा जाता है।
इतिहास और पौराणिक कथा:
हिंदू पुराणों के अनुसार, सती माता के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने उनका शव उठाकर तांडव किया। उन्हें शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनका शरीर काटा। सती का चेहरा महुर, महाराष्ट्र में गिरा। माता रेणुका को रक्षक माता के रूप में पूजनीय माना जाता है, जो बुराई को नष्ट करती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यह मंदिर सदियों से प्रमुख तीर्थस्थल रहा है।
मंदिर वास्तुकला:
रेणुका मंदिर एक भव्य संरचना है, जिसमें परंपरागत मराठा शैली की वास्तुकला है। मंदिर में नक्काशीदार स्तंभ और गर्भगृह में माता की मूर्ति है। माता रेणुका आभूषणों से सुसज्जित और दिव्य ऊर्जा से प्रकाशित दिखाई देती हैं। मंदिर परिसर में छोटे मंदिर, पवित्र जलाशय और पूजा की सुविधाएँ भी हैं।
महत्व:
रेणुका शक्तिपीठ महाराष्ट्र में शक्ति पूजा का प्रमुख केंद्र है।
भक्त यहाँ सुरक्षा, साहस, समृद्धि और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।
प्रमुख त्योहारों में नवरात्रि और रेणुका जयंती शामिल हैं।
पूजा और अनुष्ठान:
अर्पण में शामिल हैं: फूल, नारियल, फल और मिठाई।
पुजारी प्रतिदिन आरती, अभिषेक और विशेष पूजा करते हैं।
भक्त यहाँ रेणुका मंत्रों का जाप और अनुष्ठान करते हैं।
यात्रा सुझाव:
यात्रा का सर्वोत्तम समय: सितंबर से मार्च।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: नांदेड़ रेलवे स्टेशन।
आसपास के दर्शनीय स्थल: चंद्रपुर किला, नांदेड़, अजंता और एलोरा की गुफाएँ (कुछ घंटे की दूरी पर)।