परिचय:
ललिता शक्तिपीठ तमिलनाडु में स्थित एक पवित्र मंदिर है, जो माता ललिता को समर्पित है। माना जाता है कि माता सती का चेहरा यहीं गिरा था। यह मंदिर भक्तों के लिए दैवीय सुरक्षा, आध्यात्मिक आशीर्वाद, समृद्धि और कल्याण प्राप्त करने का प्रमुख स्थल है। माता ललिता को शक्ति, सौंदर्य और करुणा की देवी माना जाता है।
इतिहास और पौराणिक कथा:
हिंदू पुराणों के अनुसार, सती माता के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने उनका शव उठाकर तांडव किया। ब्रह्मांडीय संतुलन स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनका शरीर काटा। सती का चेहरा तमिलनाडु में गिरा, जिससे ललिता शक्तिपीठ स्थापित हुआ। भक्तों का विश्वास है कि यहां पूजा करने से साहस, दैवीय कृपा, बुरी शक्तियों से सुरक्षा और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
मंदिर वास्तुकला:
ललिता मंदिर में दक्षिण भारतीय द्रविड़ वास्तुकला देखने को मिलती है, जिसमें सुंदर नक्काशी वाले गोपुरम और गर्भगृह में माता की मूर्ति है। माता ललिता को सज्जित और दिव्य आभा से घिरी हुई दर्शाया गया है। मंदिर परिसर में छोटे मंदिर, पवित्र जलाशय और पूजा व ध्यान की सुविधाएँ हैं।
महत्व:
ललिता शक्तिपीठ तमिलनाडु में शक्ति पूजा का प्रमुख केंद्र है।
भक्त यहाँ सुरक्षा, साहस, आध्यात्मिक शक्ति, समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
प्रमुख त्योहारों में नवरात्रि, ललिता जयंती और विशेष पूजा शामिल हैं।
पूजा और अनुष्ठान:
अर्पण में शामिल हैं: लाल फूल, फल, मिठाई, नारियल और चंदन।
पुजारी प्रतिदिन आरती, अभिषेक और विशेष पूजा करते हैं।
भक्त ललिता मंत्रों का जाप और ध्यान करते हैं।
यात्रा सुझाव:
यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च, विशेषकर नवरात्रि के दौरान।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: चेन्नई या स्थानीय तमिलनाडु रेलवे स्टेशन।
आसपास के दर्शनीय स्थल: मीनाक्षी मंदिर, रामेश्वरम, कन्याकुमारी।