परिचय:
त्रिपुरा सुंदरि शक्तिपीठ त्रिपुरा में स्थित एक पवित्र मंदिर है, जो माता त्रिपुरा सुंदरि को समर्पित है। माना जाता है कि माता सती का सीना यहीं गिरा था। यह मंदिर भक्तों के लिए दैवीय प्रेम, आध्यात्मिक शक्ति, सुरक्षा, समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति प्राप्त करने का प्रमुख स्थल है। माता त्रिपुरा सुंदरि सौंदर्य, ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा की देवी हैं।
इतिहास और पौराणिक कथा:
हिंदू पुराणों के अनुसार, सती माता के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने उनका शव उठाया और तांडव किया। ब्रह्मांडीय संतुलन स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनका शरीर काटा। सती का सीना त्रिपुरा में गिरा, जिससे त्रिपुरा सुंदरि शक्तिपीठ स्थापित हुआ। भक्तों का विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से साहस, दैवीय कृपा, आध्यात्मिक शक्ति और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
मंदिर वास्तुकला:
त्रिपुरा सुंदरि मंदिर में पूर्वोत्तर भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली देखने को मिलती है। गर्भगृह में माता त्रिपुरा सुंदरि की मूर्ति सिंह पर बैठी, आभूषणों से सजी और दिव्य आभा से प्रकाशित है। मंदिर परिसर में छोटे मंदिर, पवित्र तालाब और पूजा व ध्यान की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
महत्व:
त्रिपुरा सुंदरि शक्तिपीठ उत्तर-पूर्व भारत में शक्ति पूजा का प्रमुख केंद्र है।
भक्त यहाँ प्रेम, सुरक्षा, साहस, आध्यात्मिक शक्ति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए आते हैं।
प्रमुख त्योहारों में नवरात्रि, त्रिपुरा सुंदरि जयंती और विशेष पूजा शामिल हैं।
पूजा और अनुष्ठान:
अर्पण में शामिल हैं: लाल फूल, फल, मिठाई, नारियल, धूप और सिंदूर।
पुजारी प्रतिदिन आरती, अभिषेक और विशेष पूजा करते हैं।
भक्त त्रिपुरा सुंदरि मंत्रों का जाप और ध्यान करते हैं।
यात्रा सुझाव:
यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च, विशेषकर नवरात्रि के दौरान।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: अगरतला रेलवे स्टेशन, त्रिपुरा।
आसपास के दर्शनीय स्थल: उज्जयन्ता पैलेस, नीरमहल पैलेस और त्रिपुरा के अन्य शक्तिपीठ।