जन्म और प्रारंभिक जीवन: 1608 में पुणे के पास देहू में जन्मे।
परिवार: साधारण कृषि परिवार; जीवन की प्रारंभिक कठिनाइयाँ।
आध्यात्मिक झुकाव: बचपन से ही भगवान विठोबा (विठ्ठल) में गहरी भक्ति।
व्यक्तिगत संघर्ष: पहली पत्नी और बच्चों के निधन ने उनकी आध्यात्मिक दृढ़ता को बढ़ाया।
सभी के लिए भक्ति: उन्होंने रीति-रिवाजों से अधिक भक्ति को महत्व दिया; जाति या लिंग की परवाह किए बिना सभी के लिए।
कीर्तन और अभंग: विठ्ठल के प्रति प्रेम व्यक्त करने के लिए भक्ति गीत और अभंगों का उपयोग।
सरल जीवन, उच्च विचार: नैतिक जीवन, विनम्रता और करुणा का प्रचार।
वैराग्य और समर्पण: मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भगवान को समर्पण के माध्यम से बताया।
अभंग भजन: मराठी में 4,000 से अधिक अभंगों की रचना।
तुकाराम गाथा: उनके भक्ति गीतों और शिक्षाओं का संकलन।
विरासत: वारीकरी भक्तों और भक्ति संतों को प्रेरित किया; मराठी भक्ति संस्कृति में उनका कार्य आज भी महत्वपूर्ण है।